रांची । 20 जुलाई 2025: रविवार की दोपहर ध्रुवा में जो हुआ, वह महज़ दल-बदल नहीं था वह एक ऐसा राजनीतिक पलटवार था जिसने झारखंड की हवा में हलचल पैदा कर दी है। भाजपा के ओबीसी धुर्वा मंडल महामंत्री संतोष कुमार ने अचानक राजद का दामन थाम लिया... और यकीन मानिए, यह कोई सामान्य ज्वॉइनिंग नहीं थी — यह था एक 'साइलेंट बम', जो भाजपा के भीतर गूंज उठा है!संतोष कुमार, जो वर्षों से भाजपा की रीढ़ कहे जाते थे, कहा मैं अब राजनीतिक चकाचौंध नहीं, ज़मीन की लड़ाई लड़ूंगा। धर्मेंद्र महतो और लालू यादव जी की सोच ही मेरे रास्ते की रोशनी है।
*पर्दे के पीछे क्या चल रहा था?*
सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों से संतोष कुमार पार्टी से नाखुश थे। उन्हें ‘साइडलाइन’ किया जा रहा था। लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि वे चुपचाप राजद के दरवाजे खटखटा चुके हैं — और जब दरवाज़ा खुला, तो उनके साथ कई भाजपा समर्थक भी चुपचाप कतार में खड़े थे। राजद जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र महतो ने मुस्कुराते हुए कहा यह तो ट्रेलर है। आगे पूरी फिल्म बाकी है। अब हर गाँव में, हर मंडल में संतोष जैसे नेता भाजपा को छोड़कर सामाजिक न्याय की मुहिम में जुड़ेंगे।
राजद को मजबूत करना हमारा संकल्प है। आज संतोष जी जैसे अनुभवी और कर्मठ नेता का पार्टी में आना यह दर्शाता है कि लालू यादव जी की विचारधारा आज भी लोगों को प्रेरित कर रही है। हम ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़कर एक नया इतिहास रचेंगे। वहीं संतोष कुमार ने भी भाजपा से नाता तोड़ने की बड़ी वजह बताते हुए कहा धर्मेंद्र महतो जैसे जमीनी नेता की कार्यशैली और लालू यादव जी की सामाजिक न्याय के प्रति निष्ठा ने मुझे प्रभावित किया। अब जो भी जिम्मेदारी पार्टी देगी, मैं उसे पूरी निष्ठा से निभाऊंगा।