- ऑपरेशन सिंदूर के शौर्य को रंगों में उतारकर जीता सबका दिल, सांसद संजय सेठ ने दी बधाई
रांची। राजधानी रांची में सांसद कला महोत्सव पेंटिंग कार्निवल-2025 का रंगारंग आयोजन हुआ। इस प्रतियोगिता का उद्देश्य था विद्यार्थियों में देशभक्ति की भावना और सैनिकों के शौर्य का संदेश पेंटिंग्स के माध्यम से समाज तक पहुँचाना। इसी क्रम में जेके इंटरनेशनल स्कूल में भी पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जहाँ बच्चों ने अपनी कल्पनाशक्ति और देशप्रेम को रंगों से सजाया। इस प्रतियोगिता में कक्षा 8 के छात्र सिंघम राजपूत ने ऑपरेशन सिंदूर की थीम पर बनाई गई पेंटिंग से सबका ध्यान खींचा। निर्णायक मंडल ने उनकी कला को सर्वश्रेष्ठ मानते हुए उन्हें सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग का खिताब दिया।
रक्षा राज्यमंत्री बोले – पेंटिंग्स भेजी जाएंगी बॉर्डर पर
कार्यक्रम में मौजूद रक्षा राज्यमंत्री संजय सेठ ने बच्चों के उत्साह की सराहना करते हुए कहा कि इन पेंटिंग्स को सीमा पर तैनात वीर जवानों तक भेजा जाएगा, ताकि वे यह संदेश पा सकें कि देश के बच्चे भी उनके बलिदान और पराक्रम को याद कर रहे हैं। उन्होंने यह भी घोषणा की कि प्रत्येक विद्यालय से पाँच सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग्स बनाने वाले छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।
सिंघम बोले – सोचा भी नहीं था पेंटिंग सिलेक्ट होगी
सिंघम राजपूत, जो कि मांडर निवासी शशि भूषण सिंह और मोनिका सिंह के ज्येष्ठ पुत्र हैं, ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा— “मैंने ऑपरेशन सिंदूर की थीम को दर्शाने की कोशिश की थी। मुझे नहीं मालूम था कि मेरी पेंटिंग चुनी जाएगी। जब नाम आया तो खुशी का ठिकाना नहीं रहा। यह मेरे जीवन का अविस्मरणीय पल है।”
आईएएस बनने का सपना, देश की सेवा का जज़्बा
सिंघम ने आगे कहा कि उनका सपना आईएएस बनकर सिविल सेवा के जरिए देशहित में काम करने का है। उन्होंने कहा कि बच्चों को भी देशप्रेम और अनुशासन की सीख लेनी चाहिए। उनके माता-पिता ने भी बेटे की उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा कि सिंघम मेहनती है और वे हर संभव सहयोग करेंगे ताकि उसका सपना साकार हो सके।
सांसद ने खिंचाई तस्वीर, महासभा ने किया सम्मानित
इस खास मौके पर सांसद संजय सेठ ने सिंघम के साथ तस्वीर भी खिंचाई और उन्हें उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। वहीं, क्षत्रिय महासभा मांडर की ओर से भी सिंघम को सम्मानित किया गया।
पूरे मांडर में गर्व का माहौल
सिंघम की इस उपलब्धि से न केवल उनका परिवार और स्कूल गौरवान्वित हुआ है, बल्कि पूरे मांडर क्षेत्र में भी खुशी की लहर है। स्थानीय लोगों का कहना है कि छोटे से गाँव का बेटा जब अपनी कला और मेहनत के बल पर राज्य स्तर पर नाम कमा रहा है, तो यह सभी बच्चों के लिए प्रेरणा है।