मॉस्को: एक तरफ जहां रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है तो वहीं दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति ने व्लादिमीर पुतिन बड़ा कदम उठाया है। रूस ने इस बात की घोषणा कर दी है कि वह मध्यम दूरी की मिसाइलों की तैनाती पर खुद की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध से हट रहा है। यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दो अमेरिकी परमाणु पनडुब्बियों को रूसी तटों के करीब तैनात करने के आदेश के बाद उठाया गया है। फिलहाल, हालात ऐसे हैं कि शीत युद्ध काल के दोनों प्रतिद्वंद्वियों के बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है।
रूसी विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
रूसी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘रूस अब मध्यम और कम दूरी की मिसाइलों (आईएनएफ) की तैनाती पर खुद की तरफ से लगाए गए प्रतिबंधों से बंधा हुआ नहीं है, क्योंकि इस प्रतिबंध को बनाए रखने की शर्तें खत्म हो गई हैं।’’
ट्रंप ने क्या कहा?
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए ऐलान किया था कि उन्होंने रूस के नजदीकी क्षेत्रों में दो परमाणु पनडुब्बियों को तैनात करने का आदेश दिया है। ट्रंप ने रूस की सुरक्षा परिषद के डिप्टी चेयरमैन मेदवेदेव के बयान के बाद इस तरह का कदम उठाया था। मेदवेदेव ने हाल ही में ट्रंप को सीधा अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था, ‘हर अल्टीमेटम, एक कदम है अमेरिका से युद्ध की ओर। रूस कोई इजरायल या ईरान नहीं है जो चुप रहेगा। ट्रंप को ‘स्लीपी जो’ (बाइडेन) जैसा नहीं बनना चाहिए।’
जारी हैं रूस के हमले
रूस और अमेरिका में बढ़ रहे तनाव के बीच रूसी सेना यूक्रेन में लगातार हमले कर रही है। हाल ही में रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव पर भीषण हमले किए थे। रूस की ओर से किए गए इन हमलों के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी। जेलेंस्की ने कहा था कि दुनिया इन हमलों के बारे में चुप ना रहे। मैं उन सभी का धन्यवाद करता हूं जिन्होंने हमारे लोगों का समर्थन किया है।
अमेरिका ने उठाया था बड़ा कदम
गौरतलब है कि, साल 1987 में तत्कालीन सोवियत संघ और अमेरिका के बीच हस्ताक्षरित ‘इंटरमीडिएट रेंज न्यूक्लियर’ (आईएनएफ) संधि हुई थी जो 500 से 5,500 किलोमीटर की मारक क्षमता वाले मिसाइल लॉन्चर, जमीन से दागी जाने वाली बैलिस्टिक मिसाइलों और क्रूज मिसाइलों की तैनाती की अनुमति नहीं देती थी। अमेरिका इस संधि से वर्ष 2019 में ही बाहर हो गया था। भाषा