झारखंड भाजपा में इन दिनों प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी किसी 'म्यूजिकल चेयर' गेम से कम नहीं लग रही है। महीनों बीत गए, लेकिन अब तक पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष नहीं मिल पाया है। कार्यकर्ता और नेता दोनों ही असमंजस में हैं—आखिर ये कुर्सी इतनी 'हॉट' क्यों हो गई है?
क्या है मामला?
लंबा इंतजार:
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए नामों की चर्चा तो खूब हो रही है, लेकिन फैसला अब तक नहीं हो पाया।
नेताओं की बेचैनी:
कई दावेदार दिल्ली के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन हाईकमान की चुप्पी ने सबको परेशान कर रखा है।
कार्यकर्ताओं की परेशानी:
प्रदेश में संगठनात्मक गतिविधियां ठप हैं, क्योंकि सबको इंतजार है—'कुर्सी किसे मिलेगी?'
सोशल मीडिया पर मजाक
ट्विटर और फेसबुक पर भाजपा कार्यकर्ता खुद ही मीम्स बना रहे हैं—"झारखंड भाजपा: अध्यक्ष पद के लिए 'आओ मिलकर इंतजार करें' अभियान!"
कुछ ने तो पार्टी ऑफिस के बाहर 'वेटिंग लिस्ट' का बोर्ड लगाने की सलाह भी दे डाली है।
विपक्ष का तंज
विपक्षी दलों ने भी मौका नहीं छोड़ा—"भाजपा को खुद नहीं पता, उनका कप्तान कौन है!"
कांग्रेस नेताओं ने कहा, "झारखंड भाजपा में अध्यक्ष ढूंढो प्रतियोगिता चल रही है।"
मजेदार पहलू
स्थिति | मजेदार टिप्पणी |
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अध्यक्ष का इंतजार | "कुर्सी खाली है, आवेदन करें!" |
दावेदारों की दौड़ | "दिल्ली दर्शन फ्री में!" |
कार्यकर्ताओं की हालत | "नेता जी कब आएंगे?" |
झारखंड भाजपा में अध्यक्ष पद की तलाश अब पार्टी के लिए सिरदर्द बनती जा रही है। देखना दिलचस्प होगा कि ये 'कुर्सी' किसके हिस्से आती है, और कब तक पार्टी को इंतजार करना पड़ेगा!